मूलचेरा तालुका प्रतिनिधी/उज्वल देवनाथ
मलझरी, अडपल्ली,बसंतपुर, आनंदग्राम,सुभाषग्राम, ठाकुरनगर, नरेंद्रपुर, राममोहनपुर, जैसें क्षेत्र में सराब कि हातभट्टी व चिल्लर विक्री बड़ी जोर शोर से फल फूल रहा है.
मुलचेरा तहसील के मलेझरी गांव में १३ घर में चिल्लर व हात भट्टी ८ लोग यहां अवैध दारू बिक्री कर रहा है चार्मोशी तहसील के राममोहनपुर गांव में हात भट्टी ४२ लोग ठोक व्यवशाय कर कर रहा है, चिल्लर विक्री ६ लोग यहां अवैध दारू विक्री कर रहे हैं सुभाषग्राम क्षेत्र में १६ लोग चिल्लर अवैध शराब बेच रहे हैं और २३ लोग हात भट्टी के ठोक व्यवसाय कर रहा है आनंदग्राम में चिल्लर १ लोग अवैध दारू बिक रहा है और हात भट्टी ४, नरेंद्रपुर में हात भट्टी से अवैध तरीके से ठोक धंधे के १६ लोग कर रहे हैं वैसे ही ठाकुरनगर के ४ लोग कर रहे हैं हात भट्टी उसी प्रकार तुमड़ी में ६ लोग चिल्लर बिक्री कर रहे हैं यह गढ़चिरौली जिले में करिवन ३० साल से दारू का धंधा किया है लेकिन अभी तक कोई भी प्रशासन यह अवैध धंधा बंद नहीं कर पाया यह बात पोलीस स्टेशन में बताने से पोलिश वाला सिधा कहते कि कहा पर है भट्टी वह चिल्लर विक्रेता उसका घर दिखाव उसी प्रकार वन विभाग के कर्मचारि भी बताते हैं कि कहा पर है भट्टी यह अपने को दिखाव खबर प्रकाशित होने पर ४-५ दिन यह धंधा पर करक नजर प्रशासन रखतें हैं उसी प्रकार ४-५ दिन बिताने के बाद यह अवैध धंधा बड़ी जोर सोर से चलाया जाता है उसी प्रकार करूना भाइरस महामारी बिमारी से बचने के लिए प्रशासन लकडाउन के उपर लकडाउन बढ़ाए जा रहा है और इस क्षेत्र के किराना व्यापारी भाजीपाला के दुकान सुबह १० बजे से शाम के ४ बजे तक खुला रखने का आदेश जारी किया है लेकिन यह दारु विक्रेता के घर में सुबह ५ बजे से लेकर रात के १०-१२ बजे तक यह धंधा चलाए जा रहा है इस के उपर प्रशासन का कोई ध्यान नही किराना व भाजिपाला के दुकान अगर ४-४:३० बच गया पुलिस विभाग व अन्य अधिकारी आके उसे धमकाता है और कहता है कि गुंहा दाखिल कर दुंगा जैसे कि लकडाउन के बजह से यह क्षेत्र में तेंदुपत्ता कटाई नहीं किया गया लोगों को अभी कास्ताकारि का मैसम लग गया है जो लोग के दारु का लथ लगे हैं वह व्यक्ति सुबह उठकर अपना दारु की प्यास बुझाने चले जाते हैं घर के बुढ़े मां बाप व बच्चे परेशान रहते हैं इस क्षेत्र के महिला व बुढ़े मां बाप ने मांग किया है कि यह अवैध शराब के धंधे बंद करो और हमें यह सारे परिवार को सुख शांति से जिने दो