Homeचंद्रपूरसुनने के कौन पैसे देता है राजाभाऊ? " लेकीन हा बिलकुल सूनने...

सुनने के कौन पैसे देता है राजाभाऊ? ” लेकीन हा बिलकुल सूनने के भी पैसे मिलते है…

राजाभाऊ मेरे अच्छे दोस्त है… और एक प्रायव्हेट कँपनी मे जॉब पर है… आज राजाभाऊ का कॉल आया… hii, hello करणे के बाद राजाभाऊ ने मुझसे कहा…

राजाभाऊ: ” *विनोदभाऊ, मै कल नोकरी छोड रहा हू…. जॉब रिझाईन कर रहा हू* ….

मै : ” (शॉक) क्या बात कर रहे हो राजाभाऊ…अरे यार ऐसा मत करो.. *जलदबाजी मे गलत डिसीझन मत लेना* … अच्छा क्यू ऐसा करने की सोच रहे हो?? थोडा बताओ

राजाभाऊ : ” विनोदभाऊ , *कंपनी मे अभि साल भरसे बोहोत टेन्शन चल रहा है*…
मैने आपसे इस बारे मे भी बोहोत बार discuss किया है… और आपके समझानेपर मैने एक साल कैसे तो भी कंपनी मे निकला…

*अब मुझसे ये टेन्शन सहा नही जाता*…
*कहा से बिझनेस बढेगा* ???
बॉस केहते है… “मुझे कुछ नही सुनना है.. मुझे बस target पुरा चाहीये…
भाई लोकडाऊन है सब बंद है… कहासे टार्गेट पुरा होगा??

मै : “* बस इतनी सी बात के लिये नोकरी छोडना चाहते हो* …

राजाभाऊ : ” भाऊ ये इतनी सी बात नही है.. जब भी बॉस का कॉल आता है मुझे.. कॉल उठाणे के पहले ही बोहोत डर लगता है… *वही डायलॉग , “Target का क्या हुवा* “??

बोहोत बार तो समझाने के बाद भी Boss समझने को तय्यार नही होते *Boss is always Right* जैसा मन बनाते है …

अब मै भी थक गया हू… *मेरी सहनशीलता भी कम हो रही है* .. अब मै सहन नही कर सकता .. मै कल ही नोकरी से रिझाईन दे दूगा…

मै : ” *राजाभाऊ, आपकी बाते सुनकर मै भी समझ सकता हू… लेकीन किसी भी हालत मे नोकरी मत छोडना* “….

राजाभाऊ : “भाऊ, अगर आप भी मेरी जगह होते तो आपको भी पता चलता ,मै किस कंडिशन मे हू… और आप भी यही करते…

मै : ” राजाभाऊ, मै समझ सकता हू.. और पुरे रिस्पेक्ट के साथ मै आपकी बातो को समझ सकता हू….

राजाभाऊ, हर एक इंसान के जिंदगी मे ये *बॅड प्याच* आते रहते है…

सबसे पहले ये सोचो… *जॉब छोडणे से ,घर कैसे चलेगा?? बहन की शादी कैसे होगी?? और दुसरी जॉब कैसे मिलेगी* ???

मैने आपका प्रॉब्लेम समझ लिया है.. अब आप अपना प्रॉब्लेम समझने की कोशीष करणा…

आपके boss के irritation की वजह से आप टेन्शन मे हो… एक बात ध्यान मे रखना *आपके बॉस को भी उपर से टेन्शन होगा.. उन्हे भी आपके जैसा irritated फील होता होगा*

वो तो अपनी ड्युटी कर रहे है… *लेकीन आपके boss ने टेन्शन मे आकर नोकरी नही छोडी* क्यू???

क्यू की उन्हे पता है .. ये प्रॉब्लेम ,बॅड प्याच long time नही रहेगा… इसलीये वो भी उम्मीद पे काम कर रहे है…

*कुछ बॉस ऐसे भी होते जो अपना टेन्शन अपने साथी पर नही डालते* ..
बलकी.. वो सारा टेन्शन अपने सर लेकर ..अपने under टीम को ट्रेस रिलीफ देते है… और ऐसे Boss रिअल मे *Real Leader* होते है….

हर एक का काम करणे का अपना अपना तरीका होता है..

चलो ये सब छोडो मेरे प्रश्न का उत्तर दो….

राजाभाऊ : “हां, बोलो विनोदभाऊ”

मै : ” आपकी सॅलरी कितनी है???

राजाभाऊ : ” *50 हजार* ”

मै : ” अगर बॉस ने आपको कॉल करणा बंद किया और टार्गेट के बारे मे पुछना बंद किया.. तो क्या आप फिर भी नोकरी छोडने का विचार करेंगे???

राजाभाऊ ” नही, बिलकुल नही”

मै : अच्छा इसका मतलब boss के बोलणे के डर से नोकरी छोडणे विचार मन मे आया है…

राजाभाऊ “हां, कुछ ऐसा ही समझ सकते हो”

मै : 1) ” *क्या आपके नोकरी छोडणे से कंपनी का कुछ नुकसान होगा* ??
2) *क्या कंपनी को दुसरा एम्प्लॉयी नही मिलेगा* ??
3) *क्या ऐसे माहौल मे जहा सभी कंपनी खर्चे कम करणे के लिये एम्प्लॉयी कम करणे की कोशीष कर रही है… इसी माहौल मे दुसरी नोकरी मिलेगी क्या* ???
*और वहा पर भी इसी तरहा का बॉस हुवा तो क्या करोगे* ???

राजाभाऊ : ” *नही, कंपनी का कुछ भी नुकसान नही होगा* .. उलटा मेरा ही नुकसान होगा… और हा, मेरी जगह और कोई जॉब पर भी लगेगा, मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा है विनोदभाऊ.. आपही बताओ मैने क्या करणा चाहीये ”

मै : “जब picture पुरी तरहा Clear है की, जॉब छोडणे से आपका ही बोहोत नुकसान है… तो जॉब छोडने की सोचना पुरी तरहा मूर्खता होगी….

लास्ट मे लाखो की एक बात करता हू….

*अगर मै कहू मेरे पास एक जॉब है … 30 हजार payment रहेगा और काम सिर्फ गाली सुनना होगा.. तो गाली सूनने के यदी 30 Thausand rs मिलते है तो कौन नही करेगा ऐसा जॉब*….

सिर्फ सूनना ही to है…
और *राजाभाऊ आपको तो Boss गाली भी नही दे रहे है* ….

*फिर इस लोकडाऊन मे घर मे बैठकर सिर्फ Boss की Irrited बाते सूनने के 50 हजार रुपये कंपनी सॅलरी दे रही है… तो क्या कम है* ???

1) आप जीस गाडी से घुमते हो ,उसमे petrol Allowance कंपनी देती है…

2) राजाभाऊ आप जीस मोबाईल से बात करते हो उसमे रिचार्ज के पैसे भी कंपनी देती है (Expenses) ..

3)traveling Allowances भी कंपनी देती है…

4) Daily Allowance मे खाणे के लिये भी पैसे मिलते है…

5) कही किसीं हॉटेल मे रूकते हो तो कंपनी ही हॉटेल बिल देती है…

6) सॅलरी के अलावा अच्छे कार्य प्रदर्शन पर कंपनी Incentive और Promotion ,भी देती है….

राजाभाऊ, ये सब आपको Without Investment मिल रहा है…

*50 हजार कमाने के लिये 25,30 लाख लागत बिजनेस मे लगाणा पडता है… साथ मे शॉप किराया, नोकर का खर्चा, इलेक्टरीक bill, बँक का ब्याज ,टॅक्स और बोहोत सारा टेन्शन सहन करणे के बाद भी 50 हजार बिझनेस मे निकालना मुश्किल है* ..

और ये सारे खर्चे इस लोकडाऊन मे बिझनेसमन paid कर रहा है…

*आपकी कंपनी भी बिझनेस कर रही है… कितना सारा टेन्शन सहन कर रही है* ….

आपकी तो 0 झिरो Investment है और आपको 50 हजार सॅलरी लोकडाऊन मे भी मिल रही है….

*बदले मे सिर्फ थोडासा टेन्शन ही तो सहन करणा है* …

सिर्फ सूनना ही तो है ….

*सूनने के कौन पैसे देता है राजाभाऊ* ?????

To be Continue…………

( इस स्टोरी का moral सभी के लिये है, टेन्शन हर जगह है, नोकरी प्रायव्हेट हो या सरकारी… टेन्शन तो रहेगा ही….
शादी के बाद बिवी का टेन्शन हो या फिर बच्चे का टेन्शन तो रहेगा ही….
*जब पैदा हुवे है तो टेन्शन भी साथ साथ हर जगह रहेगा* ….
*बस इससे निपटने के लिये आत्मविश्वास और इमानदारी की जरूरत है* )

टीप : ये स्टोरी काल्पनिक है…
धन्यवाद

विनोद आर सोनटक्के
प्रबोधन विचार मंच और युवा मंच
चंद्रपूर (महाराष्ट्र)

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सुरज पी दहागावकर | मुख्य संपादक मो.न. 8698615848/9960020762
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