नागरिकों के साथ आर्थिक अन्याय का आरोप
प्रतिनिधी गौरव मोहबे
१ अक्टूबर से ‘जिप्सी प्रवेश प्रतिबंध’ आंदोलन की चेतावनी अधिकारों के लिए एक बड़ा
चंद्रपुर – ताड़ोबा – अंधारी टाइगर रिजर्व का प्रवेश शुल्क आम नागरिकों की पहुंच से बाहर होने से चंद्रपुर जिले के नागरिकों में गहरा असंतोष है. खासकर शनिवार और रविवार को कोर जोन में १२,६०० रुपये का भारी भरकम शुल्क स्थानीय लोगों के लिए ताडोबा दर्शन को
महज एक ‘स्वप्न’ बना रहा है. इसी पृष्ठभूमि में, जिले की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने वन मंत्री गणेश नाइक को पत्र लिखकर शुल्क में तत्काल कमी करने की मांग की है.
चंद्रपुर जिले में बड़े
पैमाने पर मानव-वन्यजीव संघर्ष चल रहा है. जहां एक ओर बाघों के हमलों में
नागरिक अपनी जान गंवा रहे हैं, वहीं उसी जिले के लोगों को बाघ के दर्शन के लिए हजारों रुपये चुकाने पड़ रहे
हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि इस कुप्रथा को तुरंत रोका जाए और नागरिकों को राहत प्रदान की जाए.
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने वन मंत्री को स्पष्ट
और निर्णायक आंदोलन है. सरकार से इस और स्थानीय लोगों को न्याय दिलाने की प्रबल अपेक्षा है.
सांसद प्रतिभा धानोरकर ने वन मंत्री को स्पष्ट और अंतिम चेतावनी दी है कि यदि १ अक्टूबर से शुरू हो रहे नए पर्यटन सत्र से पहले स्थानीय नागरिकों के लिए नहीं, शुल्क कम करने का निर्णय लागू नहीं किया गया, तो १ अक्टूबर को ताडोबा में
करने दिया जाएगा. बल्कि चंद्रपुर के नागरिकों गंभीर मुद्दे पर तुरंत ध्यान दे.
सांसद धानोरकर ने
कहा कि, ताडोबा जाने के लिए स्थानीय नागरिकों से केवल २७०० रुपये वाहन शुल्क और ६०० रूपये गाइड शुल्क लिया जाना चाहिए, चंद्रपुर ताडोबा के कारण जाना जाता है, लेकिन आज यह ताडोबा के लोगों के लिए एक पराया बन गया है. हम इस अन्याय को कभी बर्दाश्त नहीं
करेंगे.







